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फूलों की घाटी में इस बार बेहद कम बर्फबारी हुई है। इसका असर आने वाले सीजन में यहां प्राकृतिक रूप से होने वाले फूलों पर दिखाई देगा। इस वर्ष जनवरी माह में फूलों की घाटी में कम बर्फबारी हुई है जिससे इस सीजन में जिन फूलों को बर्फ चाहिए थी वह नहीं मिली।
ऐसे में इन फूलों के उत्पादन पर इसका बुरा असर पड़ेगा। फूलों की घाटी प्रतिवर्ष एक जून को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोल दी जाएगी।
जुलाई और अगस्त माह में फूलों की घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के फूल घाटी में अपनी छटा बिखेरते हुए नजर आते हैं। यही वह दौर होता है, जब फूलों को निहारने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक यहां खीचें चले आते हैं।
इसका सीधा प्रभाव फूलों के उत्पादन फूलों पर पड़ेगा। कई फूलों की प्रजाति के लिए जनवरी माह में हुई बर्फबारी मुफीद होती है लेकिन इस बार जनवरी में बर्फबारी कम हुई है।
फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी दर्शन सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष फूलों की घाटी में कम बर्फबारी हुई है।
कई फूलों के लिए जनवरी माह की बर्फ का होना जरूरी होता है। यह बर्फ देर से पिघलती है ओर बीजों के उत्पादन में लाभदायक होती है। ऐसे समय में यदि बर्फ नहीं पड़ती है तो फूल पर्याप्त मात्रा में नहीं खिलते हैं और खिले फूल भी जल्द समाप्त हो जाते हैं। – डाॅ. विनय नौटियाल, वनस्पति विज्ञानी, चमोली।
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