Varanasi:  अंतरगृही परिक्रमा यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब,  सिर पर गठरी व कंधे पर झोला लिए चल पड़ीं महिलाएं

[ad_1]

Varanasi: A flood of faith gathered in the Antargrih Parikrama Yatra, women walked barefoot and with bundles o

अंतरगृही परिक्रमा यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब
– फोटो : संवाद

विस्तार


वाराणसी में मंगलवार को मणिकर्णिका से संकल्प लेकर अंतरगृही यात्रा शुरू हुई। अस्सी-लंका से मंडुवाडीह होते हुए श्रद्धालु महिलाएं सराय मोहना की तरफ चल पड़ीं। 

पापों के शमन के लिए काशी की पौराणिक अंतरगृही परिक्रमा यात्रा में मंगलवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सिर पर गठरी और कंधे पर झोला लिए परिक्रमा पथ पर निकलीं महिलाओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही थी। परिक्रमा यात्रा के चलते कई मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही।ज्ञानवापी में पंच विनायकों के दर्शन के बाद बाबा विश्वनाथ के मुक्ति मंडप में संकल्प लेकर मणिकर्णिका तीर्थ पर स्नान से परिक्रमा यात्रा आरंभ हुई। इस यात्रा के दौरान कई तीर्थों की परिक्रमा की गई।

मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी तीर्थ पर स्नान और मणिकर्णिकेश्वर महादेव के दर्शन से हुआ शुभारंभ सोमवार की मध्यरात्रि के बाद से ही अंतरगृही परिक्रमा यात्रा के लिए आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा।

 बाबा विश्वनाथ के मुक्तिमंडप में संकल्प लेने के बाद परिक्रमा यात्रा का आरंभ मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी तीर्थ पर स्नान और मणिकर्णिकेश्वर महादेव के दर्शन से हुआ।

मान्यता है कि सिद्धि विनायक के बाद कंबलेश्वर, अश्वतरेश्वर, वासुकीश्वर का दर्शन करते हुए रेला आगे बढ़ता है। इस दौरान काशी में अलग-अलग स्थानों पर स्थित 75 पौराणिक तीर्थों की परिक्रमा की जाती है। इसके बाद  मुक्तिमंडप में ही पहुंचकर अंतरगृही परिक्रमा यात्रा पूरी होती है।  मान्यता के अनुसार इस परिक्रमा यात्रा से जन्म-जन्मांतर के मनसा, वाचा, कर्मणा से किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *