काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) – फोटो : अमर उजाला
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नया पाठ्यक्रम (विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणन) शुरू किया जा रहा है। कंप्यूटर विज्ञान विभाग के तहत छह महीने के कोर्स की शुरुआत एक फरवरी से होगी। 12 से 25 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा सकेगा। 100 सीटों पर प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला होगा। यह निशुल्क कोर्स है। विश्वविद्यालय में विशेष रूप से छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को एप्लाइड साइंटिस्ट और डेटा साइंटिस्ट के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से नए कोर्स की शुरुआत होगी।
बिग डेटा का परिचय, सांख्यिकीय अवधारणाएं और अनुप्रयोग, सांख्यिकीय उपकरण, डेटा इंपोर्ट और प्री प्रोसेसिंग, एक्सप्लोरिंग और मैनीपुलेटिंग डाटा, डेटा संरचनाएं और एल्गोरिदम, ग्राफ और स्ट्रिंग एल्गोरिदम, आर्टिफीसियल न्यूरल नेटवर्क को शामिल किया गया है।
2018 में बनाई गई थी कोर्स की रणनीति
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों की ओर से ट्रेनिंग करवाई जाएगी। कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रो. विवेक सिंह ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब राष्ट्रीय महत्व और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनु प्रयोगों के साथ एक महत्वपूर्ण तकनीक बन गई है।
2018 में नीति आयोग ने इसकी रणनीति बनाई। इस संदर्भ में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बीएचयू के कंप्यूटर विज्ञान विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी है। यह प्रशिक्षण उन छात्रों और व्यक्तियों को दिया जाएगा जो लक्षित क्षेत्रों में या तो काम कर रहे हैं या काम करने के इच्छुक हैं।
विस्तार
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नया पाठ्यक्रम (विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणन) शुरू किया जा रहा है। कंप्यूटर विज्ञान विभाग के तहत छह महीने के कोर्स की शुरुआत एक फरवरी से होगी। 12 से 25 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा सकेगा। 100 सीटों पर प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला होगा। यह निशुल्क कोर्स है। विश्वविद्यालय में विशेष रूप से छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को एप्लाइड साइंटिस्ट और डेटा साइंटिस्ट के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से नए कोर्स की शुरुआत होगी।
बिग डेटा का परिचय, सांख्यिकीय अवधारणाएं और अनुप्रयोग, सांख्यिकीय उपकरण, डेटा इंपोर्ट और प्री प्रोसेसिंग, एक्सप्लोरिंग और मैनीपुलेटिंग डाटा, डेटा संरचनाएं और एल्गोरिदम, ग्राफ और स्ट्रिंग एल्गोरिदम, आर्टिफीसियल न्यूरल नेटवर्क को शामिल किया गया है।
2018 में बनाई गई थी कोर्स की रणनीति
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों की ओर से ट्रेनिंग करवाई जाएगी। कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रो. विवेक सिंह ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब राष्ट्रीय महत्व और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनु प्रयोगों के साथ एक महत्वपूर्ण तकनीक बन गई है।