Varanasi: एक बार फिर अनाथ हो गई गंगा, कोविड के दौरान काठ के बक्से में बहकर आई गंगा को सुनील ओजा ने लिया था गोद

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Ganga became orphan once again, Sunil Oja adopted Ganga who was washed away in a wooden box during Covid.

भाजपा नेता सुनील कुमार ओझा की फाइल फोटो
– फोटो : संवाद

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अपने नन्हें कदमों से भाजपा नेता सुनील ओजा के घर को गुलजार करने वाली गंगा की नन्हीं आंखें पिछले कई दिनों से अपने बापू को तलाश रही हैं। उसे तो खबर ही नहीं है कि बापू (सुनील ओजा) अब कभी उसे अपने कंधे पर नहीं बैठा पाएंगे। ओजा के निधन के बाद अब ढाई साल की गंगा के भविष्य की चिंता सबको सता रही है।

पूर्व विधायक और बिहार के भाजपा सह प्रभारी रहे सुनील ओजा ने वर्ष 2021 में तीन महीने की गंगा को गोद लिया था। जून 2021 में गाजीपुर के ददरी घाट पर मछुआरों को एक नवजात बच्ची काठ के बक्से के अंदर रोती हुई मिली थी। बच्ची के साथ विष्णु भगवान व दुर्गा माता की फोटो और कुंडली भी थी। कुंडली में उसका नाम गंगा लिखा था। वह 21 दिन की थी। गंगा को प्रयागराज अनाथालय से सरकारी प्रक्रिया के बाद सुनील ओजा ने गोद लिया था। उस वक्त उनकी उम्र गोद लेने की प्रक्रिया में बाधा बनी थी लेकिन सरकार के मंत्रियों की मदद से वह गंगा को घर लेकर आए थे।

 

 

तब से वह उनके साथ ही रहती है। सुनील ओजा के निधन के बाद अब ढाई साल की गंगा को लेकर हर कोई चिंतित है। फिलहाल, ओजा के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही नन्हीं गंगा सिगरा निवासी डाॅ. संध्या दूबे के साथ रह रही है। उसे अभी अपने बापू के हमेशा के लिए चले जाने का इल्म ही नहीं है। एक सप्ताह से ज्यादा समय से वह हर रोज अपनी तुतलाती जुबान से उनके बारे में जानने की कोशिश कर रही है। सुनील ओजा के मित्र नितिन मल्होत्रा ने बताया कि गंगा को अभी समझ तो ज्यादा नहीं है। ऐसे में वह धीरे धीरे ही जान पाएगी कि अब उसके बापू कभी लौटकर उसके पास नहीं आएंगे। उनका कहना है कि गंगा अब हम सबकी जिम्मेदारी है। जो अधूरा काम सुनील भाई छोड़ गए हैं उसे हम पूरा करेंगे। सुनील ओजा के बेटे विरल ओजा ने बताया कि हम वाराणसी देर रात पहुंचेंगे। गंगा के बारे में कल ही आपसे बात कर पाऊंगा।

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