Varanasi: काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्रों का उग्र प्रदर्शन, कुलपति से हुई तूतू-मैमै

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प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाते चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह

प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाते चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह
– फोटो : अमर उजाला

वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव के लिए हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को चंद छात्रनेताओं ने विश्वविद्यालय में ताला जड़ दिया। प्रशासनिक भवन में ताला जड़ने के बाद छात्रनेताओं ने पूरे परिसर में घूम-घूमकर संकायों को बंद करा दिया। कुलपति से छात्रों ने कहासुनी की और चुनाव अधिकारी व चीफ प्रॉक्टर के साथ भी जमकर बहसबाजी हुई। हंगामे की सूचना पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।

बुधवार को सुबह 9:30 बजे ही छात्रनेताओं ने प्रशासनिक भवन पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना पर पहुंचे कुलपति प्रो. एके त्यागी ने छात्रों को केंद्रीय पुस्तकालय के समिति कक्ष में वार्ता के लिए बुलाया। कुलपति ने छात्रों से कहा कि चुनाव के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से बात की है लेकिन अभी वहां से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए मैं फिलहाल चुनाव के लिए कोई तिथि निर्धारित करने की स्थिति में नहीं हूं। यह सुनकर छात्रनेता भड़क उठे।

चुनाव की तैयारियों में 10-10 लाख

छात्रनेताओं का कहना था कि उन्होंने चुनाव की तैयारियों में 10-10 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। उनका पैसा कहां से वापस आएगा। चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह ने छात्रों से कहा कि चुनाव में खर्च करने के लिए विश्वविद्यालय ने तो नहीं कहा था। इसके बाद छात्र भड़क उठे और नारेबाजी शुरू कर दी।

कुलपति ने विश्वविद्यालय की गरिमा का हवाला देते हुए छात्रनेताओं से संयम बरतने की अपील की लेकिन वो नहीं माने। पुलिस और विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति में छात्रनेताओं ने जमकर हंगामा किया। स्थिति तो कई बार गरमागरमी की बन गई। छात्रनेता छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग पर अड़े रहे।

कुलपति ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने और बैठक का बहिष्कार करके नारेबाजी करते हुए बाहर निकल आए। छात्रों के हंगामे को देखते हुए पूरे परिसर में पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया गया। सोमवार को छात्रनेताओं ने चीफ प्रॉक्टर पर हमला बोल दिया था और मंगलवार को भी हंगामा किया था। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि शासन और प्रशासन से इस मामले में बातचीत चल रही है। जैसे ही वहां से निर्णय होगा हम लोग तारीख भी घोषित कर देंगे।

गिनती के चंद छात्रनेताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में घूम-घूमकर कक्षाओं को बंद कराना शुरू कर दिया। संकाय और विभागों में चल रही कक्षाओं के अंदर घुस-घुसकर छात्रनेताओं ने शिक्षकों के साथ भी अभद्रता की और छात्र-छात्राओं को जबरदस्ती कक्षाओं से बाहर निकलवा दिया।

संकायों में तालाबंदी कराकर पूरे विश्वविद्यालय में पठन-पाठन ठप करा दिया। विश्वविद्यालय परिसर में तालाबंदी होने से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निराशा हाथ लगी। दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। वहीं प्रशासनिक भवन में डिग्री, रिजल्ट व समस्या समाधान के लिए पहुंचे लोगों को परेशान होकर लौटना पड़ा। 

छात्रनेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले चुनाव की तिथियां घोषित कर दी फिर उसको संभावित तिथियां बना दीं। विश्वविद्यालय प्रशासन दलील दे रहा है कि सीएम व शिक्षा मंत्री ने चुनाव नहीं कराने का निर्देश दिया है। आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोट रहा है। छात्रनेताओं ने कहा कि चुनाव नहीं हुए तो वह लोग कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। छात्रों ने चुनाव अधिकारी के इस्तीफे की भी मांग की। 

विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिस छात्रनेता को चीफ प्रॉक्टर पर हमला करने के आरोप में परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित किया है वह धड़ल्ले से पूरे परिसर में घूम रहा था। विश्वविद्यालय के अनुशासन को तार-तार करते हुए उक्त छात्र बैठक में भी शामिल हुआ और उसने कुलपति के साथ भी बदसलूकी की। पूरी प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम मूकदर्शक बनकर देखती रही। 

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वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव के लिए हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को चंद छात्रनेताओं ने विश्वविद्यालय में ताला जड़ दिया। प्रशासनिक भवन में ताला जड़ने के बाद छात्रनेताओं ने पूरे परिसर में घूम-घूमकर संकायों को बंद करा दिया। कुलपति से छात्रों ने कहासुनी की और चुनाव अधिकारी व चीफ प्रॉक्टर के साथ भी जमकर बहसबाजी हुई। हंगामे की सूचना पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।

बुधवार को सुबह 9:30 बजे ही छात्रनेताओं ने प्रशासनिक भवन पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना पर पहुंचे कुलपति प्रो. एके त्यागी ने छात्रों को केंद्रीय पुस्तकालय के समिति कक्ष में वार्ता के लिए बुलाया। कुलपति ने छात्रों से कहा कि चुनाव के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से बात की है लेकिन अभी वहां से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए मैं फिलहाल चुनाव के लिए कोई तिथि निर्धारित करने की स्थिति में नहीं हूं। यह सुनकर छात्रनेता भड़क उठे।

चुनाव की तैयारियों में 10-10 लाख

छात्रनेताओं का कहना था कि उन्होंने चुनाव की तैयारियों में 10-10 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। उनका पैसा कहां से वापस आएगा। चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह ने छात्रों से कहा कि चुनाव में खर्च करने के लिए विश्वविद्यालय ने तो नहीं कहा था। इसके बाद छात्र भड़क उठे और नारेबाजी शुरू कर दी।



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