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kashi vishwanath dham
– फोटो : मंदिर प्रशासन
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चैत्र नवरात्र की पंचमी पर शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम ललिता सहस्त्रनाम के पाठ से गुंजायमान हो उठा। मातृशक्ति स्वरूपा महिलाओं ने शक्ति आराधना के महापर्व चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि के उपलक्ष्य में ललिता सहस्रनाम पाठ किया। शाक्त संप्रदाय की वाम आराधना पद्धति की मान्यता में मां ललिता देवी दशमहाविद्याओं में से एक हैं। नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि और ललिता जयंती पर इनकी अर्चना की जाती है।
देवी ललिता को ही त्रिपुर सुंदरी, लीलामती, राजराजेश्वरी सहित कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है। देवी आराधना के लिए ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ किया जाता है। ब्रह्मांड पुराण के उत्तर खंड में भगवान हयग्रीव व अगस्त्य ऋषि के संवाद के रूप में ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र का वर्णन मिलता है।
शक्ति आराधना के दक्षिणमार्गी मत की आराधना में देवी ललिता को चंडी का स्थान प्राप्त है। दक्षिणमार्गी चंडी आराधना में ललिता सहस्त्रनाम का महत्व सर्वाधिक है। नवरात्र पंचमी तिथि में ललिता सहस्रनाम का विशिष्ट महत्व है।
इसी के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से अनुष्ठान संपन्न कराया गया। अनुष्ठान संपन्न करने वाली माताओं को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा उपहार स्वरूप वस्त्र भेंट कर सम्मान एवं आभार प्रकट किया गया।
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