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स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
– फोटो : सोशल मीडिया।
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वाराणसी में गंगा पार को जोड़ने के लिए सिग्नेचर ब्रिज के अलावा उस पार फोरलेन सड़क के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। गंगा पार फोरलेन सड़क की प्रस्तावित योजना का गंगा महासभा व अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि गंगा पार फोरलेन सड़क से काशी में विनाश होगा। इस सड़क का कोई औचित्य नहीं है। गंगा उस पार फोरलेन सड़क होगा तो घाटों के नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकेगा।
वाराणसी में मीडिया से बात करते हुए स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि केदारनाथ हादसे के बाद भी हम नहीं चेते। जोशी मठ हादसे के बाद भी हमारी आंखें नहीं खुल रही हैं। काशी में भी घाट खोखले हो रहे हैं। सत्ता और सरकार से लड़कर प्रकृति और संस्कृति के लिए कुछ नहीं हो सकता। इसके लिए हमें सामाजिक जनजागरण करना होगा।
गंगा में क्रूज संचालन का भी विरोध
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन दोनों अलग-अलग शब्द हैं। दोनों के अर्थ भी अलग हैं। उन्होंने सरकार से इसे अलग-अलग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गंगा की गोद में जब क्रूज चलेंगे तो तीर्थों की मर्यादा नहीं बचेगी।
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