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हरे रंग की शर्ट में व्योमेश शुक्ल
– फोटो : अमर उजाला
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अंतरराष्ट्रीय महत्व की हिंदीसेवी संस्था नागरी प्रचारिणी सभा में प्रधानमंत्री पद पर व्योमेश शुक्ल ने जीत दर्ज की। करीब साल भर बाद चुनाव परिणाम घोषित हुआ। प्रधानमंत्री पद पर संस्कृतिकर्मी व्योमेश शुक्ल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी शोभनाथ यादव को 50 से अधिक वोटों से मात दी।
वहीं प्रधानमंत्री समेत कार्यकारिणी के लिए 18 पदों पर भी प्रतिनिधियों का चुनाव हो गया। इसके साथ ही 19 वर्षों के बाद नागरी प्रचारिणी सभा पर पारिवारिक वर्चस्व लगभग समाप्त होने की ओर है। हिंदी का गढ़ कही जाने वाली नागरी प्रचारिणी सभा को नई कार्यकारिणी मिल गई। अब संस्थान में शोध और साहित्यिक गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगी।
नागरी प्रचारिणी सभा आने में अब शर्म महसूस नहीं होगी
जीत के बाद नए प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ला ने कहा कि संस्था के चुने गए 18 लोगों पर संस्था के नवोन्मेष और पुनरुद्धार की जिम्मेदारी है। इसमें नए आयाम जोड़ने के साथ ही देश भर के विद्वानों को इससे जोड़ सकेंगे। उनको भी अब नागरी प्रचारिणी सभा आने में शर्म महसूस नहीं होगी। किताबों पर अब धूल नहीं होगी। हिंदी के माथे पर अब सिर्फ महादेव का भभूत होगा।
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