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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
विस्तार
दशाश्वमेध थाने के एक दरोगा से गालीगलौज और मारपीट मामले में नामजद आरोपी नितेश नरसिंघानी ने बुधवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय साकेत मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लेकर उसे जेल भेज दिया।
न्यायिक हिरासत में लेकर भेजा गया जेल
नितेश नरसिंघानिया ने अधिवक्ता के जरिये कोर्ट में समर्पण किया। आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र पर पहले वांछित आख्या मंगवाने की गुहार लगाई, तब आत्मसमर्पण स्वीकार करने की बात कही गई। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति की और अपने कथन के समर्थन में उच्च न्यायालय की नजीर दाखिल की। अदालत ने रिमांड बनाने को लेकर दोनों पक्षों की बहस के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा।
यह था मामला
उपनिरीक्षक आनंद प्रकाश ने दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि रविवार रात वह गोदौलिया चौराहे पर वाहन की चेकिंग कर रहे थे। उस दौरान नारंगी रंग की बिना नंबर प्लेट की बाइक से युवक बांसफाटक से दशाश्वमेध की तरफ जा रहा था। नंबर प्लेट न होने, हेलमेट न लगाने के कारण के साथ वाहन के कागजात मांगे तो वह अपशब्दों का प्रयोग करने लगा।
इसी दौरान दो बाइक से कुछ अज्ञात आए और हमराही समेत पुलिस वालों को गालीगलौज देते हुए धक्का देकर नीचे गिरा दिया। वर्दी का बटन, बैज और स्टार नोच लिया। सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की। इस पूरे मामले का वीडियो भी वायरल हुआ था। आरोपियों की पहचान नितिश सिंह, नितेश नरसिंघानियां, राहुल सिंह, सन्नी गुप्ता, गप्पू सिंह के रूप में हुई थी।
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