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मंगल और शनि की युति से 30 साल के बाद षडाष्टक योग बन रहा है। मंगल और शनि के आमने सामने होने के कारण बनने वाले इस योग के कारण राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही राजनीतिक दुर्योग बनेंगे। अगले दो महीने तक कर्क, मकर, मीन, तुला और मिथुन राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है।ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मंगल का गोचर कर्क राशि में शुरू हो गया, जो अगले 53 दिनों तक तक इसी राशि में रहेंगे। मंगल का शनि के साथ षडाष्टक योग बन रहा है। साथ ही राहु, गुरु बुध और सूर्य मंगल से दसवें घर में होंगे। दशम भाव पर राहु, गुरु, बुध और सूर्य की युति सत्ता में उतार-चढ़ाव होगा। शनि और मंगल की युति मृत्यु तुल्य कष्टदायक है। मंगल के कर्क राशि में गोचर करने से दरिद्र योग का निर्माण होगा। यह एक अशुभ योग माना जा रहा है। यह योग असफलता, कमजोर भाग्य और आर्थिक असफलता का कारण बनता है। ग्रहों का यह योग जातकों को आर्थिक जीवन में कई समस्या दे सकता है। जातक को पैसे कमाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, मंगल ग्रह का जाप और हवन कराएं।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय के अनुसार जब मंगल और शनि एक दूसरे को देखते हैं तो ऐसी स्थिति में काफी उतार-चढ़ाव की स्थितियों का निर्माण होता है। इस योग के कारण राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही कभी तेज गर्मी, बरसात के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बनती है।
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