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टेंट सिटी में पर्यटकों के स्वागत का भव्य इंतजाम किया गया है। पहले दिन शाम को गंगा आरती के बाद वहां सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया। रविवार को शास्त्रीय संगीत के जरिए सैलानियों के मनोरंजन की व्यवस्था की गई। पर्यटकों के लिए नमो व अस्सी घाट से नाव की व्यवस्था भी है। सुबह ही घाट पर बने टेंट सिटी के काउंटर से उन्हें जल विहार कराते हुए गंतव्य तक पहुंचे। यहां थोड़ा विश्राम के बाद काशी विश्वनाथ धाम और रामनगर किला भ्रमण भी किया।
गंगा तट पर टेंट सिटी में गंगा आरती का भी प्रबंध किया गया है। काशी के घाटों का अहसास दिलाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है, जहां बैठकर पर्यटकों ने गंगा आरती देखी। घंटा घड़ियाल और शंख ध्वनि के साथ गंगा वंदन बजते ही समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। टेंट सिटी की कृत्रिम सीढ़ियां घाट का अहसास करा रहीं थीं।
वाराणसी निवासी नवीन बरनवाल अपने बेटे श्रेयांश का जन्मदिन टेंट सिटी में मनाने परिवार के साथ पहुंचे। यहां डीलक्स में ठहरे नवीन ने बताया कि यह अपने तरह का अलग अनुभव है। इस तरह का आनंद उठाने के लिए पेंगोंग लेक जाना पड़ता था।
टेंट सिटी में दोपहर से ही लोग पहुंचने लगे थे। शाम चार बजते बजते करीब डेढ़ सौ पर्यटक टेंट सिटी पहुंच चुके थे। झारखंड के चाइबासा निवासी अनुज कुमार अपने परिवार के साथ टेंट सिटी पहुंचे थे। आरती देखने बाद बताया कि यह अलग अनुभव है। अद्भुत शहर बनारस में आना ही हमारे के लिए सौभाग्य है।
घाट से पर्यटकों को लाने ले जाने के लिए टेंट सिटी की ओर से नावें तैनात की गई हैं। पर्यटक के घाट पर आकर फोन करते ही टेंट सिटी के जेटी से नावें भेज पर्यटक को लाया जा रहा है।
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