Vishwakarma Puja 2023 Live: विश्वकर्मा पूजा कल, जानें शुभ मुहूर्त, योग, पूजा विधि, सामग्री और पूरी जानकारी

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Vishwakarma Puja Vidhi: विश्वकर्मा पूजा कब और कैसे करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए. इसके लिए आपको सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ जाएं और उसके बाद सबसे पहले गंगाजल से मूर्ति या उनके चित्र को स्नान कराएं और उसके बाद अक्षत, रोली, हल्दी, चंदन, फूल, रोली, मौली, फल-फूल, धूप-दीप, मिष्ठान आदि अर्पित करें.

Vishwakarma Puja Samagri: पूजन सामग्री

पूजा में हल्दी, रोली, अक्षत, फल, फूल, मिठाई, दीप, रक्षासूत्र और नारियल, लौंग शामिल करें. इन पूजन सामग्री के बिना कोई भी पूजा-पाठ या हवन अधूरा माना जाता है. अक्सर पूजा के बाद थोड़ी बहुत पूजन सामग्री बच ही जाती है. आमतौर पर लोग बची पूजन सामग्री को या तो मंदिर में रख देते हैं या फिर बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं.

Vishwakarma Puja 2023 shubh muhurat: विश्कर्मा पूजा 2023 मुहूर्त

सुबह का मुहूर्त – 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

दोपहर का मुहूर्त – 17 सितंबर 2023 दिन रविवार दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक

Vishwakarma Puja 2023 shubh yog: विश्वकर्मा पूजा 2023 शुभ योग

विश्वकर्मा पूजा के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करीब 50 साल बाद विश्वकर्मा पूजा के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे है. इनमें अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और द्विपुष्कर योग शामिल हैं. वहीं हस्त्र नक्षत्र सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है और उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है. ये सभी शुभ योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होंगे.

Vishwakarma Puja 2023 shubh yog: जानें कब से कब तक हैं शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • द्विपुष्कर योग – 17 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक

  • ब्रह्म योग – 17 सितंबर 2023 को प्रात: 04 बजकर 13 मिनट से 18 सितंबर 2023 को सुबह 04 बजकर 28 मिनट तक

  • अमृत सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

  • हस्त्र नक्षत्र- 17 सितंबर को हस्त्र नक्षत्र सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक है और उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है.

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