water Cess: हिमाचल में वाटर सेस जमा नहीं कराने पर 20 और कंपनियों को नोटिस

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Notice to 20 more companies for not depositing water cess

जलविद्युत परियोजना वाटर सेस मामला।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


 वाटर सेस जमा न कराने पर जल आयोग ने 20 और बिजली कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं। इन कंपनियों को 15 जनवरी तक बिल जमा करने को कहा है। अगर सेस जमा नहीं कराया तो आयोग की ओर से आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकारी उपक्रम की 25 बिजली परियोजनाओं ने करीब 27 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। अब तक आयोग के पास 35 परियोजनाओं से वाटर सेस जमा हुआ है। हिमाचल में 173 जल विद्युत परियोजनाएं हैं।

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं से लिए जाने वाले वाटर सेस (जल उपकर) की दरें आधी की हैं। प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वाटर सेस लगाने का फैसला लिया गया है। पहले सरकार ने प्रति घन मीटर 0.10 रुपये से 0.50 रुपये तक वाटर सेस वसूलने का फैसला लिया था, अब इसे घटाकर प्रति घन मीटर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर किया गया है। वाटर सेस की दरें वसूल करने के लिए अलग-अलग टैरिफ बनाया गया है।

मार्च में खत्म हो जाएगा जल जीवन मिशन

शिमला। जल जीवन मिशन मार्च 2024 में खत्म हो जाएगा। निर्धारित समय से पहले प्रदेश सरकार को मिशन के तहत जारी करोड़ों की राशि के काम निपटाने होंगे। हाल ही में केंद्र ने हिमाचल सरकार को 74 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। इससे पहले भी सरकार को केंद्र से करोड़ों रुपये मिल चुके हैं। अगर निर्धारित समय में काम पूरा नहीं हुआ तो पैसा वापस भी लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मिशन के तहत हजारों घरों में पानी के कनेक्शन लगाए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से अब जो राशि जारी हुई है, उससे पेयजल स्रोतों को सुधारा जाना है।

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