मौसम के रोज बदल रहे रंगों के बीच एक बार फिर से सघन कोहरे का दौर शुरू हो चुका है। मंगलवार सुबह वाराणसी समेत समूचा पूर्वांचल घने कोहरे की जद में रहा तो ठंड की वजह से लोगों को दुश्वारी भी झेलनी पड़ी। सुबह हाइवे पर चार पहिया वाहन फॉग लैंप के साथ नजर आए तो घना कोहरा वाले क्षेत्रों में वाहन रेंगते नजर आए। कई जगहों पर कोहरे की वजह से मामूली हादसे भी सुबह हुए।
पहाड़ी इलाकों से आने वाली बर्फीली हवाओं ने गलन बढ़ा दी है। मंगलवार रात से ही 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हवा के चलने के साथ ही घना कोहरा शुरू हुआ। बुधवार सुबह कोहरे की चादर इस तरह छाई रही कि रास्ते पर कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था।
तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की कमी
स्कूली बस सहित अन्य वाहनों की लाइट जलाकर बड़ी सतर्कता के साथ उसे ले जाना पड़ा। मौसम में बदलाव का ही असर है कि पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। बुधवार सुबह हवा में नमी कुछ ज्यादा रहने से ठंड भी बढ़ी रही।
ग्रामीण इलाकों की तरह ही शहरी इलाकों में भी कोहरे का असर ज्यादा देखने को मिला। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी होने के कारण हवा में नमी बढ़ गई है। आने वाले तीन-चार दिनों में घने कोहरे और ठंड बढ़ने के आसार हैं।
विस्तार
मौसम के रोज बदल रहे रंगों के बीच एक बार फिर से सघन कोहरे का दौर शुरू हो चुका है। मंगलवार सुबह वाराणसी समेत समूचा पूर्वांचल घने कोहरे की जद में रहा तो ठंड की वजह से लोगों को दुश्वारी भी झेलनी पड़ी। सुबह हाइवे पर चार पहिया वाहन फॉग लैंप के साथ नजर आए तो घना कोहरा वाले क्षेत्रों में वाहन रेंगते नजर आए। कई जगहों पर कोहरे की वजह से मामूली हादसे भी सुबह हुए।
पहाड़ी इलाकों से आने वाली बर्फीली हवाओं ने गलन बढ़ा दी है। मंगलवार रात से ही 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हवा के चलने के साथ ही घना कोहरा शुरू हुआ। बुधवार सुबह कोहरे की चादर इस तरह छाई रही कि रास्ते पर कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था।
तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की कमी
स्कूली बस सहित अन्य वाहनों की लाइट जलाकर बड़ी सतर्कता के साथ उसे ले जाना पड़ा। मौसम में बदलाव का ही असर है कि पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। बुधवार सुबह हवा में नमी कुछ ज्यादा रहने से ठंड भी बढ़ी रही।