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                        international women day
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
विस्तार
‘क्यों कहती है दुनिया नारी कमजोर है, जग को बताओ नारी के हाथों में सृष्टि की डोर है।’ आज की नारी न तो अबला है और न ही कमजोर है। तमाम सामाजिक रुकावटों व बेड़ियों को तोड़ समाज में महिलाएं खुद की मिसाल पेश कर रही हैं।
महिलाओं के प्रति समाज की सोच भी बदली है। यह बदलाव उन महिलाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति की देन है जिन्होंने अपने हौसलों के बल पर मुश्किलों से लड़कर अपने रास्तों को खुद संवारा है। समाज की उन्नति भी महिलाओं की उन्नति से मापी जाती है।
आज विश्व महिला दिवस के अवसर पर गोरखपुर शहर की ऐसी महिलाओं से रूबरू कराएंगे जो रुढ़ियों की बंदिशों को तोड़ आज अपना मुकाम खुद तय कर रही हैं। आज का ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है।
संगीता पांडेय
1500 से शुरू किया व्यापार, दे रहीं बहुतों को रोजगार
शहर के झरना टोला निवासी संगीता पांडेय न तो किसी उद्योगपति परिवार से आती हैं और न ही व्यापार के क्षेत्र से पहले कोई नाता। बस जुनून इस कदर चढ़ा कि मुश्किलें भी उन्हें रोक नहीं पायी। चंद पैसों से उन्होंने व्यापार शुरू किया और खुद के दम पर करोड़ों का व्यापार खड़ा किया। कम संसाधनों में छोटे व्यापार को शुरू कर उसे बुलंदियों तक पहुंचाने का जज्बा रखने वाली संगीता पांडे आज महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि व्यापार करने वाले पुरुषों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।
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