Yoga Divas : योग करते समय तबीयत बिगड़ने पर सुर्खियों में पशुपति पारस; वैसे भतीजे के कारण रहते हैं चर्चा में

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पशुपति कुमार पारस (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के इकलौते बचे छोटे भाई और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस आज फिर से चर्चा में हैं। इस बार चर्चा की वजह उनकी सेहत है। अचानक योग करते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई। दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों से इलाज की सलाह दी गई है। योग करते वक्त उनके लुढ़कने की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रही है। लोग अब पशुपति पारस को सर्च कर रहे हैं। सर्च करने का आलम यह है कि सोशल मीडिया पर इस वक्त पशुपति कुमार पारस का नाम ट्रेंड कर रहा है। 

खगड़िया के अलौली से हैं पारस

6 जून 1957 को खगड़िया के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव के मंत्रीजी टोला में जन्मे पशुपति कुमार पारस की राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 से हुई थी। उनके बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान के मंत्री बनने पर मंत्रीजी टोला जगह का नाम पड़ा। आते हैं पारस पर। उन्होंने अलौली से जेएनपी उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मिस्री सदा को 3607 वोटों से हरा दिया। इसके बाद उन्होंने 1985 में कांग्रेस के वाजेश्वर पासवान को 21699 वोट से हराया। 1995 में उन्होंने फिर मिस्री सदा को हराया। 2000 में जदयू के टिकट पर राजद के राम बृक्ष सदा उतरे तो उन्हें भी पारस ने 4686 वोटों से हरा दिया। 2005 में अलौली से ही चुनाव लड़े और राजद की मीरा देवी को 9711 वाट से हराया। पारस ने बिहार सरकार में पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद पारस ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। बड़े भाई रामविलास पास के निधन के बाद पारस केंद्रीय मंत्री बने। मोदी सरकार ने उन्हें केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बना रखा है।

 

भतीजे के साथ पार्टी के बाद अब हाजीपुर की लड़ाई

8 अक्टूबर 2020 को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान में मतभेद हो गया। दोनों पार्टी पर अपना वर्चस्व कायम रखना चाह रहे थे। दोनों खुद को उत्तराधिकारी मान रहे थे। इसी बीच दोनों ने एक-दूसरे का विरोध कर दिया। विधानसभा चुनाव में इस विरोध का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा। इसके बाद पार्टी के 6 में से 5 सांसद पारस गुट में चले गए और चिराग पासवान को अपना नेता मानने से इनकार दिया। सभी नेताओं ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया। देखते ही देखते चाचा और भतीजा में मनभेद हो गया। बात इतनी बढ़ गई लोजपा दो भाग में बंट गई। एक लोजपा (रामविलास) और दूसरी राष्ट्रीय लोजपा। आज की तारीख में चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच दूरी इतनी बढ़ गई है कि दोनों एक-दूसरे के बीच लगातार हमलावर रहते हैं। दोनों हाजीपुर सीट पर दावा ठोक रहे हैं।

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