अपहरण के बाद मासूम की हत्या: जिस पर पूरा परिवार करता था विश्वास, वही निकला आस्तीन का सांप

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देवरिया में नासिर की हत्या के बाद पूरा परिवार सदमे है। जिस अजरुद्दीन पर पूरा परिवार विश्वास करता था, वही बालक नासिर का हत्यारोपी निकला। इस मामले में सीसीटीवी की फुटेज के सहारे आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली।

पुलिस के अनुसार, अपहरण के दिन नासिर घर से कुछ दूरी पर था। आरोपी चाचा अजरुद्दीन ने टाफी दिलाने की लालच देकर उसे उठा लिया। नासिर को पूरे दिन बाइक से घुमाने के बाद शाम के समय उसने हाथ पैर बांधा और बाद में गला दबा दिया। उसके बाद फिरौती लेने की साजिश रची थी।

 

शहर के कसया बाइपास रोड निवासी ईद मोहम्मद के बेटे के साथ हुई वारदात से पूरे मोहल्ले के लोग गमजदा हैं। रिश्ते को कलंकित कर देने वाली इस घटना के बाद मृत बालक के पिता और मां का रो-रो कर बुरा हाल है। ईद मोहम्मद की चार संतानें हैं, जिनमें सबसे बड़ी बेटी मुस्कान, बेटा अनस, बेटी इशरत है। नासिर छोटा बेटा था। घर का दुलारा होने के कारण सभी उससे काफी प्यार करते थे। घर के सबसे छोटे बेटे नासिर की मौत के बाद मां आसमां बेसुध होकर गिर जा रही हैं।

 

इस मामले के पर्दाफाश में पिता की दुकान के पास लगे सीसी कैमरे का अहम योगदान रहा है। बालक के अपहरण के बाद आरोपी ने फिरौती वसूल करने के लिए उसके पिता की दुकान पर पत्र का चस्पा कर दिया। इसकी जानकारी होने पर पुलिस टीम सक्रिय हो गई। पुलिस को मजार के पास लगे सीसी कैमरे की फुटेज से सुराग हासिल हो गया। दो युवक एक ही बाइक से सवार होकर पांच दिसंबर की शाम को सात बजे मजार के पास पहुंचे। वहां पर बाइक की डिकी से पत्र निकालकर गुमटी पर चस्पा करते देखे गए।

पुलिस सीसीटीवी की फुटेज में पहचान होने के बाद सक्रिय हो गई। पिपरामदन गोपाल निवासी अजरुद्दीन को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू की। कुछ देर तक उसने बहाना बनाया। बाद में वह पुलिस के सवालों में घिर गया और सच्चाई उगल दी। उसने अपने दो दोस्तों के नाम बताए। उनमें से एक उसके गांव का तो दूसरा रामपुर कारखाना क्षेत्र के सिधुआ का है। पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया तो घटना का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने शव को तालाब से निकाला। उसके हाथ-पैर बंधे थे। गला कसने के भी निशान मौजूद थे।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी वारदातें

नासिर के पहले भी कुछ ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें अपहरण कर हत्या का दी गई। उन घटनाओं में भी फिरौती मांगने की बात सामने आई। हालांकि, किसी अपहरणकर्ता तक फिरौती की रकम नहीं पहुंच पाई।

 

इसी साल जुलाई में लार थाना क्षेत्र के हरखौली गांव निवासी बालक संस्कार की हत्या कर दी गई थी। इस मामले का पर्दाफाश हुआ तो पता चला कि जिस घर वह कोचिंग पढ़ने जा रहा था, उसके परिवार के बेटे ने रुपये की लालच में हत्या का शव को शौचालय की टंकी में छिपा दिया था। भुजौली कालोनी निवासी महेश मल्ल के पुत्र स्वतंत्र मल्ल का 17 मार्च 2012 को स्कूल से जाते समय अपहरण कर लिया गया था। उसके बाद उसकी हत्या कर शव को कुशीनगर जिले के पनियहवा के जंगल में फेंक दिया गया था।

आठ दिसंबर 2014 को नेहरू नगर निवासी हिमांशु उर्फ सुंदरम (पांच वर्ष) की स्कूल से घर जाते समय बाइक सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया। फिरौती न मिलने पर हत्या कर बिहार के सिवान में शव को फेंक दिया था। एक बार फिर से नासिर का अपहरण कर हत्या के बाद ये घटनाएं शहरवासियों के जेहन में आ गई हैं।



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