[ad_1]

DGP Dilbag Singh
– फोटो : ANI
ख़बर सुनें
विस्तार
पुंछ में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक पैमाने पर सुधार हुआ है। समग्र सुरक्षा स्थिति शांतिपूर्ण है और अगला विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में होगा। हड़तालें और पत्थरबाजी की घटनाएं अब अतीत की बात हो गई हैं।
हालांकि, यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को भारत में भेजने और शांतिपूर्ण क्षेत्रों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां खतरे को लेकर सतर्क हैं और उनके मंसूबों को विफ ल कर रही हैं।
वह पुंछ जिले के लोरन में पुलिसकर्मियों के लिए थाने और आवासीय परिसर के तौर पर इस्तेमाल होने वाले दो नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से से बात कर रहे थे। अगले साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पुलिस प्रमुख ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में सभी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए हैं।
चाहे वह लोकसभा या विधानसभा हो या फिर पंचायत या नगर निकाय का। इसलिए आने वाले चुनाव भी शांतिपूर्ण माहौल में होंगे। स्थिति बहुत अच्छी है। हमें उम्मीद है कि समय के साथ हालत में और सुधार होगा। अब लोगों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
पुलिस या किसी अन्य सुरक्षा बलों से कोई सख्ती नहीं है और हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आए। उन्होंने कहा कि हड़ताल, पथराव और स्कूलों व कॉलेजों को बंद करना अतीत की बात हो गई है।
आज युवा अपनी पढ़ाई, करिअर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्हें अच्छी नौकरी मिल रही है। लोग अपनी गतिविधियों को बिना किसी धमकी या डर से संपादित कर रहे हैं।
पाकिस्तान आतंकवाद को जिंदा करने में जुटा
पुंछ व राजोरी जिले की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि दोनों जिले पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं। पाकिस्तान लगातार आतंकियों को धकेलने तथा शांतिपूर्ण इलाके में दोबारा से आतंकवाद को जीवित करने की साजिशों में लगा हुआ है।
घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम भी बनाया गया है। पुंछ के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी यहां आतंकवाद को दोबारा पनपने नहीं दिया। पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की गई है।
जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पाकिस्तानी एजेंसियों की ओर से आतंकवाद को जीवित करने पर केंद्रित था। प्रतिनिधियों ने कुछ स्थानीय विकास संबंधी मुद्दों को भी उठाया जिसे स्थानीय प्रशासन के समक्ष रखा गया है।
[ad_2]
Source link