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निक्की हत्याकांड : आवेश में नहीं, साजिश के तहत की हत्या
दिल्ली पुलिस की जांच में हुआ खुलासा, शादी के बाद दूर ले जाकर शव जलाने की थी साजिश
पुरुषोत्तम वर्मा
नई दिल्ली। साहिल गहलोत ने निक्की यादव की हत्या आवेश में नहीं, बल्कि सोची-समझी के तहत की थी। इसके तहत ही वह निक्की को दिल्ली में कई जगह घुमाने लग गया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में ये खुलासा हुआ है। साहिल ने पूछताछ में बताया है कि वह निक्की के शव को दूरदराज इलाके में ले जाकर जलाता, ताकि पुलिस को किसी तरह का सबूत न मिले। अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि शुरुआती जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि आरोपी ने साजिश के तहत निक्की हत्या की है।
अपराध शाखा के अन्य अधिकारी ने बताया कि निक्की के उत्तम नगर स्थित घर पर जब साहिल गया था तो उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया था। मोबाइल बंद करने का उद्देश्य ये था कि उसकी लोकेशन का पता न चले। पुलिस ने निक्की के घर व आसपास की सीसीटीवी फुटेज बरामद की है। इससे पता लग रहा है कि आरोपी सुबह छह बजे निक्की के घर से निकल रहा है। इसके बाद वह निक्की को निजामुद्दीन, आंनद विहार और आईएसबीटी, कश्मीरी गेट गया। यहां उसने निक्की की डाटा केबल से गला दबाकर हत्या कर दी।साहिल ने पूछताछ में खुलासा किया है कि निक्की के शव को ठिकाने के लिए वह उधेड़बुन में था। वह शव को दूरदराज ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाने के चक्कर में था, शादी होने के कारण उसके घर में काफी मेहमान आए हुए थे। इस कारण उसे घर से बाहर निकलने का मौका नहीं मिल रहा था। जब भी वह घर से निकलने की सोचता था कोई न कोई उसे पकड़ लेता था। ऐसे में वह निक्की के शव को ठिकाने लगाने के लिए परेशान था।
शव को ठिकाने लगा देता तो मुश्किल हो जाती
दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी निक्की के शव को ठिकाने लगा देता तो पुलिस के लिए सबूत एकत्रित करने में मुश्किल हो जाती। पुलिस को समय से सूचना मिल गई और आरोपी को उसके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
कार में काले कवर लगा लिए थे
पुलिस अधिकारियों के अनुसार कार साहिल के चाचा के लड़के की है। कार के शीशों पर काली फिल्म चढ़ी हुई है। साहिल ने निक्की की हत्या करने के बाद शव को ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठी हुई मुद्रा में बैठाया और सीट बेल्ट लगा दी। इसके बाद आरोपी ने कार में अंदर से चिपकने वाले काले रंग के कवर लगा दिए थे, ताकि किसी को कार में कुछ दिखाई न दे। इसके बाद वह निक्की के शव को 40 किलोमीटर दूर मित्राऊ गांव ले गया था।
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