पीडीपी सम्मेलन में महबूबा: चुनावों में भाग लें जम्मू-कश्मीर के युवा, हमें देश को बीजेपी का भारत नहीं बनने देना

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पीडीपी सम्मेलन में मौजूद लोग

पीडीपी सम्मेलन में मौजूद लोग
– फोटो : बासित जरगर

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के युवाओं से आग्रह किया है कि वह भविष्य में होने वाले निकाय और विधानसभा चुनावों में भाग लें। अपने अधिकारों के लिए लड़ाई में चुनाव प्रमुख हथियार हैं। युवाओं को भारतीय जनता पार्टी के लिए खुला मैदान नहीं छोड़ना चाहिए।

 

महबूबा रविवार को पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। स्थानीय शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में मुफ्ती ने कहा, आप नोट कर लें यह भाजपा का भारत नहीं है और हम इसे भाजपा का भारत नहीं बनने देंगे।

महबूबा ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे साथ 1947 में कश्मीर घाटी में आए पाकिस्तान के उन हमलावरों की तरह व्यवहार न करें, जिन्हें कश्मीरियों ने यहां से भागने के लिए मजबूर किया था। भारत भाजपा नहीं है, जिस भारत में हम शामिल हुए वह जवाहरलाल नेहरू का भारत है। महात्मा गांधी जी का भारत, मौलाना अबुल कलाम आजाद का भारत।

 

यह राहुल गांधी का भारत है जो हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए देश की यात्रा कर रहे हैं।  यह तुषार गांधी का भारत है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के खात्मे के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि हमने इस देश के साथ दिल का बंधन, सांविधानिक बंधन, प्यार का बंधन बनाया है, लेकिन आपने क्या किया? आपने हमारी शान, हमारी पहचान से खिलवाड़ किया।

 

आपने पूरे राज्य को नष्ट कर दिया। अब यह काम नहीं करेगा।  उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य में पंचायत, नगरपालिका या विधानसभा चुनाव होते हैं, तो भाजपा के लिए खाली मैदान नहीं छोड़ना चाहिए। ये चुनाव अधिकारों की लड़ाई के लिए हथियार हैं।

 

सत्ता आपके हाथ में है और आपको इसे किसी और के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। पीडीपी प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से लिया गया सब कुछ ब्याज सहित वापस लाया जाएगा। उन्होंने लोगों से उम्मीद नहीं खोने को कहा।

स्थानीय लोग दोनों ओर से मारे जा रहे

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग दोनों तरफ से बंदूक का खामियाजा भुगत रहे हैं। जम्मू-कश्मीर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। मैं जानता हूं कि बहुत अधिक बेरोजगारी है, लेकिन हमारा जीवन एक नरक बन गया है। युवकों को गिरफ्तार किया जा रहा है। आतंकवादी मुखबिरों के नाम पर हमें मार डालते हैं। पुलिसकर्मियों, कश्मीरी पंडितों या बाहर से आने वालों को मारते हैं। दूसरी तरफ सुरक्षाबल युवाओं को हाइब्रिड आतंकी बता कर मार रहे हैं।

कश्मीर के युवा बंदूक छोड़ कर लोकतांत्रिक रास्ता चुनें

इस वर्ष मई में आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा ने रविवार को कश्मीरी युवाओं से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा की जगह लोकतांत्रिक साधनों को चुनने के लिए कहा। 
 

पार्टी की युवा शाखा के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पारा ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद कोई बदलाव नहीं आया। कश्मीरी युवापहले भी मारा जा रहा था और अब भी मारा जा रहा है। यहां युवाओं की सुरक्षा की गारंटी अभी भी नहीं है।
 

हमारे खिलाफ जो कुछ भी हुआ है, वह हिंसा या बंदूकों की वजह से जायज है। उन्होंने कहा कि हमें सोच-समझकर निर्णय लेना होगा कि हठधर्मिता और बंदूकें नहीं चलेंगी और हमें लोकतांत्रिक स्तर पर लड़ना होगा ताकि युवाओं की हत्या के खिलाफ कुछ भी उचित न हो।
 

उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों को अधिक दलों और नेताओं की नहीं, बल्कि एक नेतृत्व की जरूरत है। आतंक से जुड़े एक मामले में 18 महीने जेल में रहने के बाद पारा को इस साल मई में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।

विस्तार

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के युवाओं से आग्रह किया है कि वह भविष्य में होने वाले निकाय और विधानसभा चुनावों में भाग लें। अपने अधिकारों के लिए लड़ाई में चुनाव प्रमुख हथियार हैं। युवाओं को भारतीय जनता पार्टी के लिए खुला मैदान नहीं छोड़ना चाहिए।

 

महबूबा रविवार को पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। स्थानीय शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में मुफ्ती ने कहा, आप नोट कर लें यह भाजपा का भारत नहीं है और हम इसे भाजपा का भारत नहीं बनने देंगे।

महबूबा ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे साथ 1947 में कश्मीर घाटी में आए पाकिस्तान के उन हमलावरों की तरह व्यवहार न करें, जिन्हें कश्मीरियों ने यहां से भागने के लिए मजबूर किया था। भारत भाजपा नहीं है, जिस भारत में हम शामिल हुए वह जवाहरलाल नेहरू का भारत है। महात्मा गांधी जी का भारत, मौलाना अबुल कलाम आजाद का भारत।

 

यह राहुल गांधी का भारत है जो हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए देश की यात्रा कर रहे हैं।  यह तुषार गांधी का भारत है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के खात्मे के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि हमने इस देश के साथ दिल का बंधन, सांविधानिक बंधन, प्यार का बंधन बनाया है, लेकिन आपने क्या किया? आपने हमारी शान, हमारी पहचान से खिलवाड़ किया।

 

आपने पूरे राज्य को नष्ट कर दिया। अब यह काम नहीं करेगा।  उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य में पंचायत, नगरपालिका या विधानसभा चुनाव होते हैं, तो भाजपा के लिए खाली मैदान नहीं छोड़ना चाहिए। ये चुनाव अधिकारों की लड़ाई के लिए हथियार हैं।

 

सत्ता आपके हाथ में है और आपको इसे किसी और के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। पीडीपी प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से लिया गया सब कुछ ब्याज सहित वापस लाया जाएगा। उन्होंने लोगों से उम्मीद नहीं खोने को कहा।

स्थानीय लोग दोनों ओर से मारे जा रहे

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग दोनों तरफ से बंदूक का खामियाजा भुगत रहे हैं। जम्मू-कश्मीर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। मैं जानता हूं कि बहुत अधिक बेरोजगारी है, लेकिन हमारा जीवन एक नरक बन गया है। युवकों को गिरफ्तार किया जा रहा है। आतंकवादी मुखबिरों के नाम पर हमें मार डालते हैं। पुलिसकर्मियों, कश्मीरी पंडितों या बाहर से आने वालों को मारते हैं। दूसरी तरफ सुरक्षाबल युवाओं को हाइब्रिड आतंकी बता कर मार रहे हैं।

कश्मीर के युवा बंदूक छोड़ कर लोकतांत्रिक रास्ता चुनें

इस वर्ष मई में आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा ने रविवार को कश्मीरी युवाओं से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसा की जगह लोकतांत्रिक साधनों को चुनने के लिए कहा। 

 

पार्टी की युवा शाखा के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पारा ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद कोई बदलाव नहीं आया। कश्मीरी युवापहले भी मारा जा रहा था और अब भी मारा जा रहा है। यहां युवाओं की सुरक्षा की गारंटी अभी भी नहीं है।

 

हमारे खिलाफ जो कुछ भी हुआ है, वह हिंसा या बंदूकों की वजह से जायज है। उन्होंने कहा कि हमें सोच-समझकर निर्णय लेना होगा कि हठधर्मिता और बंदूकें नहीं चलेंगी और हमें लोकतांत्रिक स्तर पर लड़ना होगा ताकि युवाओं की हत्या के खिलाफ कुछ भी उचित न हो।

 

उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों को अधिक दलों और नेताओं की नहीं, बल्कि एक नेतृत्व की जरूरत है। आतंक से जुड़े एक मामले में 18 महीने जेल में रहने के बाद पारा को इस साल मई में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।



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