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सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है.

प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है. प्रदोष व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी 2024 दिन बुधवार को है.

माघ महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 7 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर होगी .

त्रयोदशी तिथि का समापन 8 फरवरी को दोपहर 11 बजकर 17 मिनट पर होगा.

प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की पूजा सांध्यकाल में की जाती है.

प्रदोष व्रत की पूजा 7 फरवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट से लेकर रात्रि के 08 बजकर 41 मिनट तक के बीच में की जा सकती है.
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