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महामूर्ख सम्मेलन की फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
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मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर सामाजिक संगठन वसुधैव कुटुंबकम की ओर से शुक्रवार शाम अस्सी घाट पर आयोजित 18वें धुरंधर हास्य सम्मेलन में कवियों ने हास्य रचनाओं ने महफिल सजाई। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर कटाक्ष किया। कवियों और अतिथियों को माला, टोपी, हास्य चश्मा पहनाकर उपहार में झुनझुना भेंट किया गया।
इस मौके पर भारतीय नववर्ष के स्वागत में और धुरंधर हास्य महोत्सव के 18 साल पूरे होने पर 18 कवियों ने झुनझुना बजाकर दो मिनट तक ठहाका लगाया गया। महोत्सव का आगाज काशी कथक कला केंद्र के कलाकारों की नृत्यमय वंदना से हुआ। मिर्जापुर की प्रियंका सिंह ने, निभा सको तुम तो प्यार करना… सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाया। रवि सारस्वत ने हास्य नृत्य व मिमिक्री से श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। अमित शुक्ल, आदित्य त्रिपाठी, पंकज सिद्धार्थ, हेमा पांडेय, अंजनी अमोघ ने हास्य काव्यपाठ से श्रोताओं को गुदगुदाया। अध्यक्षता अस्सी अड़ी के उदय नारायण पांडेय (बाऊ) ने की। संचालन हास्य कवि नागेश शांडिल्य ने किया। कार्यक्रम में जनार्दन शांडिल्य, रंजना राय, बदरी विशाल, धर्म प्रकाश मिश्र आदि मौजूद रहे।
कवियों को दिया गया धुरंधर हास्य सम्मान
सम्मेलन में कवियों को धुरंधर हास्य सम्मान से नवाजा गया। पं० धर्मशील चतुर्वेदी स्मृति धुरंधर हास्य सम्मान रीवा मध्य प्रदेश के अमित शुक्ल, पं. श्रीकृष्ण तिवारी स्मृति धुरंधर गीत सम्मान शिवकिशोर खंजन (हैदरगढ़), पं. चन्द्रशेखर मिश्र स्मृति धरंदर ओज सम्मान अंजनी अमोध (प्रतापगढ़) को और रामजियावन दास बावला स्मृति धुरंधर लोक कवि सम्मान अशोक सिंह बेशर्म (प्रयागराज ) को मिला।
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