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प्रेस वार्ता के दौरान डीएम शशांक शुभंकर और एसपी अशोक मिश्रा
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के नालंदा जिले में मोहर्रम जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के उपलक्ष्य में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को समाहरणालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। दरअसल, कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मोहर्रम जुलूस को लेकर बयानबाजी की जा रही थी। राजनीतिक दलों का कहना है कि एक समुदाय विशेष के लोगों को मुआवजे की राशि 31 मार्च को हुई हिंसा में नुकसान के बाद नहीं दी गई है और न ही हिंसा करने वालों की गिरफ्तारी हो रही है। यही कारण है कि उन लोगों ने मोहर्रम के अवसर पर जुलूस नहीं निकाला।
डीएम शशांक शुभंकर और एसपी अशोक मिश्रा ने संयुक्त रूप से मीडिया के समक्ष ब्रीफिंग करते हुए कहा कि जिले भर में 113 अखाड़े मोहर्रम जुलूस के दौरान निकाले गए थे। सभी लोगों ने गाइडलाइन का पालन करते हुए जुलूस निकाला है। इसके लिए जिला प्रशासन उन लोगों को पुरस्कृत करने का भी कार्य करेगा।
हिंसा प्रभावित 77 लोगों को दिया मुआवजा
डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि कुल 77 लोगों को अब तक मुआवजा दिया जा चुका है। सरकार के द्वारा दिए गए दिशानिर्देश के अनुसार, सभी लोगों को रामनवमी हिंसा के दौरान हुए क्षति का आकलन कर मुआवजा दिया जा चुका है। 10 लोग शेष रह चुके थे जिन्हें जुलाई महीने में मुआवजा दिया जा चुका है। डीएम ने कहा कि आने वाले त्योहारों में यह व्यवस्था लागू रहेगी, ताकि लोग शांतिपूर्वक ढंग से अपने-अपने त्योहारों को मना सकें।
166 लोगों को भेजा जा चुका है जेल
एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि अब तक करीब 166 लोगों को रामनवमी हिंसा मामले में जेल भेजा जा चुका है। पुलिस लगातार सबूत इकट्ठे कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने में जुटी हुई है। कुछ लोगों ने खुद को निर्दोष बताते हुए भी आवेदन दिया है। उनकी संलिप्तता हिंसा में है या नहीं, उसकी भी जांच की जा रही है। कुछ लोग जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि लगातार पुलिस के द्वारा हिंसा मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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