Garlic Cultivation: सिरमौर में अब 4100 हेक्टेयर पहुंचा लहसुन उत्पादन का रकबा

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Himachal News: Garlic Cultivation in sirmour in 4100 Hectare Land

सिरमौर का लहसुन।
– फोटो : संवाद

विस्तार


सिरमौर जिले में वर्ष 2023-24 में 4,100 हेक्टेयर रकबे पर लहसुन का उत्पादन होगा। पिछले साल के मुकाबले इस साल लहसुन उत्पादकों को इसके अच्छे दाम मिले हैं। सीजन के शुरुआती दौर में दिल्ली की आजादपुर मंडी में 160 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से भी लहसुन खरीदा गया। सीजन खत्म होते-होते लहसुन के दाम 100 रुपये से ज्यादा रहे।

लिहाजा, जिले में लहसुन उत्पादन का रकबा बढ़ता जा रहा है। बीते साल 4,000 हेक्टेयर पर लहसुन की खेती की गई थी। इस पर 60,000 मीट्रिक टन से अधिक फसल की पैदावार हुई। लहसुन जिला सिरमौर की प्रमुख व्यावसायिक फसल है। एक जिला एक उत्पाद के तहत किसान इस फसल से अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं। जिला सिरमौर में पूरे प्रदेश में लहसुन की सबसे ज्यादा पैदावार हो रही है। साल दर साल किसानों का रुझान भी इस खेती की तरफ बढ़ रहा है।

आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सात साल के भीतर जिले में 2,407 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन उत्पादन का दायरा बढ़ा है। वर्ष 2016 में 1,693 हेक्टेयर भूमि पर 26,580 मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हो रहा था। इस साल जिले में लहसुन का 800 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ।

जिले में लहसुन का क्षेत्र और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। यह जिले की व्यावसायिक फसल बन गई है। प्रदेश में भी लहसुन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा उत्पादन सिरमौर जिले का है। इस बार 4,100 हेक्टेयर पर पैदावार हो रही है।  – डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर, कृषि उपनिदेशक, सिरमौर 

दक्षिण भारत में सबसे अधिक मांग

जिला सिरमौर में उगने वाले लहसुन की देश और विदेशों में विशेष पहचान है। अच्छी मेडिशनल वैल्यू होने के चलते तमिलनाडु में भी भारी मांग रहती है। जिले में सबसे ज्यादा गिरिपार इलाके के नौहराधार, लानाचेता, संगड़ाह, हरिपुरधार के साथ पच्छाद, शिलाई और नाहन के सैनधार इलाके में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। करीब दो माह पहले जिले के अधिकांश इलाकों में लहसुन की बिजाई कर दी गई थी। यह फसल अगले साल मई-जून में तैयार होगी।

कब कितना बढ़ा क्षेत्र और उत्पादन

वर्ष             एरिया (हेक्टेयर)    उत्पादन (मीट्रिक टन)

2016-17       1693                    26,580 

2017-18       1960                    30,020  

2018-19       2020                    30,939   

2019-20       3734                    57,205   

2020-21       3970                    60,637   

2021-22       3990                    60,650   

2022-23       4000                   60,700

2023-24        4100                  …….

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