Hanuman Janmotsav: हनुमान जन्मोत्सव पर क्या है लाल ध्वजा का महत्व, 75 फीट का ध्वज बना आकर्षण का केंद्र

[ad_1]

What is the importance of red flag on Hanuman Janmotsav, 75 feet flag became the center of attraction

75 फीट का ध्वज बना आकर्षण का केंद्र
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हनुमान जी में हृदय से  भक्तिभाव रखने वाले लोग उनके प्रभाव को जानते है। कहते हैं कि इस कलयुग में हनुमान ही एक मात्र ऐसे भगवान् हैं जो भक्तों के कल्याण के लिए धरती पर विद्यमान हैं। धर्म की नगरी काशी में हज़ारों की संख्या में भक्तों ने गाजे बाजे के साथ विशाल ध्वजा यात्रा के साथ निकलते है और बड़े ही श्रद्धा भाव से  ध्वज संकट मोचन जी महराज को समर्पित करते है। ये भक्त  संकट मोचन हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को तुलसी की माला, गुलाब की पंखुडियां, सिंदूर, केला, लड्डू, चना, अक्षत, धूपबत्ती समर्पित करते है साथ ही  श्रीहनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुन्दर कांड का सस्वर पाठ कर अपने  जीवन को  धन्य बनाने की कामना करते है ।

ऐसे सजता हैं भक्तों का रेला 

चैत्र मास  के पूर्णिमा को हनुमान जयंती पर ब्रम्भ मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ भिखारीपुर से 18 वर्षो से  निकलने वाली शोभा यात्रा में हनुमान ध्वजा और आरती की थाल के साथ श्री हनुमत दरबार पहुचने का कतार लगना शुरू हुआ। सुबह के 7 बजे के साथ हनुमत  सेवा समिति के सदस्य और पदाधिकारी अपने अतिथियों के सानिध्य में मुख रथ पर विराजे राम दरबार के षोडशोपचार पूजन के पश्चात मुख्य ध्वज और हनुमत की बाल स्वरूप की पालकी पर विराजे बाल हनुमान के  पूजन के पश्चात शिव के सुमिरन और डमरु के डमडम के बीच शंखनाद के साथ भक्तों की कतार राम भक्त दरबार के ओर बढ़ना शुरू हुआ। इस शोभा यात्रा में सबसे पहले  70 फीट की मुख्य ध्वजा, जिसके बाद मुख्य रथ, पालकी और फिर महिलाओं की कतार, अलग अलग क्षेत्रों से शामिल कार्यालयों की झांकी और अंत में हजारों की संख्या मे हाथों में पताखा संग भक्तों का रेला।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *