[ad_1]

केदारपुर कूड़ा संयंत्र
– फोटो : संवाद
ख़बर सुनें
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के उपमंडल के केदारपुर में अब कचरे से जैविक खाद तैयार होगी। नगर परिषद की ओर से तैयार प्लांट में शहर से रोजाना 8 से 10 टन कचरे का निष्पादन होगा। इससे खाद की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। इसका पहला ट्रायल सफल रहा है। प्लांट में लगी मशीन से एक बार में तीन टन खाद तैयार होगी। यह किसानों को उचित दाम पर उपलब्ध करवाई जाएगी। करीब डेढ़ दशकों से लटकी शहरी कूड़ा संयंत्र योजना शुरू हो गई है। इस प्लांट में एक करोड़ की मशीन लगाई गई है।
दशकों से पांवटा के शहरी क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को मोक्ष दायिनी यमुना नदी के तट पर फेंका जाता था और नष्ट किया जाता था। 18 जुलाई, 2019 को तत्कालीन जिलाधीश डॉ. आरके परुथी ने यमुना तट पर गंदगी फेंकने पर कड़ा नोटिस लिया था। स्थानीय प्रशासन, नगर परिषद के पदाधिकारियों और कार्यकारी अधिकारी को निर्माणाधीन कूड़ा संयंत्र योजना शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी के सख्त निर्देश के बाद योजना कार्य ने गति पकड़ी। शनिवार को इसका ट्रायल सफल रहा। शहरी क्षेत्र का गीला और सूखा कूड़ा अलग करने के साथ इसकी खाद तैयार की जा सकेगी।
साकार होगा क्लीन पांवटा, ग्रीन पांवटा का सपना
कार्यकारी अधिकारी अजमेर ठाकुर, नप अध्यक्षा निर्मल कौर व उपाध्यक्ष ओपी कटारिया ने बताया कि केदारपुर में प्रदेश सरकार के सहयोग से एक करोड़ लागत की मशीन स्थापित हो गई है। कूड़ा संयंत्र योजना में शहर से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद तैयार होगी। शहरी क्षेत्र से रोज निकलने वाले कूड़े का निपटान होगा। ये योजना ग्रामीणों के विरोध से अधर में लटकी थी।
[ad_2]
Source link