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बृहस्पतिवार को त्यूणी स्थित मकान में आग लग जाने से चार बच्चियों की जलकर मौत हो गई थी। इस दिल दहला देने वाली घटना का शिकार हुई दस वर्षीय सोनम पुत्री त्रिलोक के छोटे भाई नक्क्ष ने रविवार को डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती को पूरा घटनाक्रम बताया। डीआईजी को नक्क्ष ने बताया कि जिस समय मकान में आग लगी, वह अपनी बहन सोनम व मौसेरी बहन समृद्धि, अधिरा व सेजल के साथ मोबाइल से खेल रहा था।
उसने बताया कि आग लगने से सारे बच्चे डर गए और मकान के भीतरी हिस्से में चले गए। लेकिन वह बाहर की ओर भागा। सोनम के बाहर नहीं आने पर वह उसे लेने अंदर गया लेकिन तब तक धुएं से घर में अंधेरा हो चुका था, इसलिए उसकी बहन उसे दिखाई नहीं दी।
आग लगने की घटना में घायल हुई महिला कुसुम को हिमाचल के रोहडू स्थित अस्पताल से शिमला शिफ्ट कर दिया गया है। उसके परिजनों ने बताया कि आग से जलने के कारण उन्हें तत्काल अस्पताल लाया गया था, जहां तीन दिनों तक उपचार देने के बाद उन्हें शिमला रेफर किया गया है। हालांकि कुसुम की हालत खतरे से बाहर है लेकिन एक बेटी का शव नहीं मिलने के कारण वह बार-बार बेटी के बारे में परिजनों से पूछताछ कर रही है। वहीं, इस दौरान मृतका सोनम की मां अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाई और फूट-फूट कर रोने लगी।
डीआईजी ने पीड़ित परिवार के समक्ष संवेदना भी प्रकट की। अग्निकांड में दारमीगाड़ निवासी त्रिलोक की (9) वर्षीय पुत्री सोनम की मौत हो गई थी। सोनम दिव्यांग थी। सोनम की मां पूनम ने डीआईजी को बताया कि घटना के दौरान वह बाथरूम में कपड़े धो रही थी। शोर सुनकर वह बाहर आई, तो उसने भीषण आग देखी। उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि बेटी अंदर है। डीआईजी ने बताया कि जांच की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन और पुलिस महानिदेशक को भेजी जाएगी।
बता दें कि बीते बृहस्पतिवार को हुए त्यूणी में हुए भीषण अग्निकांड में चार बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। तीन के शव बरामद कर लिए गए थे, लेकिन एक बच्ची का शव बरामद नहीं हो सका है।
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