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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मुख्य सचिव
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनने की पूरी क्षमता है। देश का यह ऐसा विश्वविद्यालय है जो किसी भी देश में शाखा खोल सकता है। परिसर की पुरानी इमारतों को संरक्षित करने के साथ ही भव्य संग्रहालय का स्वरूप भी दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव दयाशंकर मिश्र ने गुरुवार को विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की। दोपहर में मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालय का भ्रमण और निरीक्षण किया। शुरुआत प्रवेश द्वार के पास संग्रहालय से की। इसे देखकर प्रसन्नता जताई और कहा कि प्रचार- प्रसार के माध्यम से इसे विकसित और व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ाने का प्रयास करने की जरूरत है।
संग्रहालय के अधीक्षक डॉ. विमल त्रिपाठी ने विकास के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। मुख्य सचिव मुख्य भवन पहुंचे और उसके इतिहास को जानकर इसे संग्रहालय के रूप में विकसित करने को कहा।
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