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वन वर्ल्ड टीबी समिट का समापन
– फोटो : अमर उजाला
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कोरोना वैक्सीन की तरह ही भारत एंटी टीबी ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग का हब भी बनेगा। इसका एलान रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने ब्राजील, फ्रांस, नाइजीरिया सहित 40 देशों के 198 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की है। उनका कहना है कि टीबी प्रिवेंटिव वैक्सीन बनाई जाएगी।
जिस तरह से कोरोना नियंत्रण में आईसीएमएआर, डीआरडीओ, परमाणु उर्जा विभाग का सहयोग लिया गया, वैसे ही टीबी वैक्सीन व दवा बनाने में भी लिया जाएगा। वैक्सीन बनाने के बाद दुनिया के जरूरतमंद देशों की मदद की जाएगी। कम कीमत पर दवा व वैक्सीन मुहैया कराने का काम होगा।
टीबी की करीब 80 फीसदी दवाएं भारत में
क्षय रोग उन्मूलन की तीन दिवसीय वन वर्ल्ड टीबी समिट रविवार को समाप्त हो गई। अंतिम दिन नदेसर स्थित एक होटल में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री मंत्री की अध्यक्षता में स्टॉप टीबी बोर्ड की बैठक हुई। स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने 2025 तक टीबी खात्मे के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीबी की करीब 80 फीसदी दवाएं भारत में बनती हैं। अब दूसरे देशों के साथ मिलकर टीबी को खत्म करने की दिशा में काम शुरू किया गया है। इसकी अगुवाई भारत कर रहा है।
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